शहीद अमरचन्द बाँठिया स्मृति प्रन्यास के चुनाव में भीनासर के सुमति लाल बाँठिया सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित

 

शहीद अमरचन्द बाँठिया स्मृति प्रन्यास के चुनाव में भीनासर के सुमति लाल बाँठिया सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित
 शहीद अमरचन्द बाँठिया स्मृति प्रन्यास के चुनाव में भीनासर के सुमति लाल बाँठिया सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित

बीकानेर,21जुलाई। शहीद अमरचन्द बाँठिया स्मृति प्रन्यास के आगामी 3 वर्ष के लिए चुनाव 20 जुलाई  को कार्यालय में सम्पन्न हुए जिसमे  भीनासर के सुमति लाल बाँठिया को सर्वसम्मति से आगामी 3 वर्ष के लिए अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया  इसके अलावा विनोद बाँठिया, बीकानेर को कार्यकारी अध्यक्ष, किशोर कुमार बाँठिया को सचिव व विशाल बाँठिया को कोषाध्यक्ष एवं कार्य समिती के सदस्य के रूप में डॉ धर्मचन्द्र जैन व सन्तोष बाँठिया को आगामी 3 वर्ष के लिए सर्व सम्मति से निर्वाचित घोषित किया गया।


नगर निगम बीकानेर ने शहीद अमरचन्द बाँठिया स्मृति प्रन्यास को भीनासर में मुरली मनोहर मंदिर के पास एक पार्क जो जीर्ण शीर्ण अवस्था में था गोद दिया जिसे प्रन्यास ने नवनिर्माण करवा दिया है और अब सम्भागीय आयुक्त से अनुमति मिलते ही वहां शहीद अमरचन्द बाँठिया की पंचधातु की मूर्ति स्थापित की जायेगी। गौर तलब है कि सन् 1857 की क्रांति में जब अँग्रेजों ने ग्वालियर पर कब्जा कर लिया था तो झांसी की रानी लक्ष्मीबाई   ने अँग्रेजों पर आक्रमण कर उसे मुक्त करवाया उस वक्त की  लड़ाई में झांसी की रानी का समस्त धन समाप्त हो गया। अमरचन्द बाँठिया ग्वालियर  राजघराने के खजान्ची थे, उन्होंने अपना सारा धन झांसी की रानी को समर्पित किया और ग्वालियर के खजाने का मुहँ भी झांसी की रानी के लिए खोल दिया जिससे वो अपने सैनिकों के वेतन देने की व भोजन की व्यवस्था कर सकी। अंग्रेजों को  मालूम  पड़ने पर उन्होने अमरचन्द बाँठिया को गिरफ्तार कर लिया और जेल में खूब यातनाए देने पर भी उन्होंने माफी नहीं मांगी फिर 22 जून 1858 के उनके पुत्र को तोप के गोले से उड़ा दिया और अमरचन्द बाँठिया को फांसी पर लटका  दिया। ऐसे बीर सपूत थे बीकानेर के अमरचन्द बाँठिया और उनकी स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए इस प्रन्यास की स्थापना की गई।

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