यह धरना राजनीतिक आंदोलन नहीं है ये इंसानियत की अंतिम आवाज है - गोविन्द राम मेघवाल

 यह धरना राजनीतिक आंदोलन नहीं है ये इंसानियत की अंतिम आवाज है - गोविन्द राम मेघवाल


बीकानेर। शुक्रवार को बीकानेर जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने का चौथा दिन था।  पूर्व मंत्री गोविन्द राम मेघवाल एवं पूर्व देहात कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सैन ने बताया कि ये धरना उन मासूम परिवारों के लिए है जिनके सपने, सहारे और समर्पण—सड़क हादसों की लापरवाही में छिन गए।

नोखा मंडी के सेन समाज के 6 परिवार, भरु पांवा (मेघवाल समाज) के 3 परिवार, गेरसर के 3 युवा साथी।यह कोई राजनीतिक आंदोलन नहीं ।ये इंसानियत की अंतिम आवाज़ है।ये उन माताओं, बहनों और बच्चों की पीड़ा है जिन्हें अब भी इंसाफ़ नहीं मिला।

हमारी माँगें सीधी और न्यायसंगत हैं…

1. हर मृतक परिवार को ₹50 लाख आर्थिक सहायता।

2. परिवार के एक सदस्य को सरकारी-संविदा नौकरी।

3. देशनोक ओवरब्रिज को पुनः सुरक्षित डिज़ाइन में बनाया जाए।

4. लापरवाह कंपनी व अधिकारियों पर सख़्त कार्रवाई की जाए।

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