संगीत साधना से साधक तक की यात्रा है- पं. पुखराज शर्मा

संगीत साधना से साधक तक की यात्रा है- पं. पुखराज शर्मा
संगीत साधना से साधक तक की यात्रा है- पं. पुखराज शर्मा

दिनांक 21 जून 2025, बीकानेर।

अजित फाउण्डेशन द्वारा विष्व संगीत दिवस पर संगीत संध्या का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ पं. पुखराज शर्मा ने संगीत की बारिकियों को बताते हुए कहा कि संगीत साधना का विषय है जिसमें साधक का तपना पड़ता तभी निखार आता है। पं. शर्मा ने कहा कि चाहे कोई भी कला हो उसके लिए रियाज करना परम आवष्यक है। उन्होंने बताया कि संगीत केवल गायन एवं श्रवण मात्र के लिए नहीं संगीत का उपयोग अब चिकित्सा क्षेत्र में भी होने लगा है। चिकित्सा क्षेत्र में इसको म्यूजिक थैरेपी कहा जाता है। संगीत के द्वारा अवसाद, चिंता एवं तनाव को कम किया जा सकता है वहीं शरीर में रक्तचाप, नींद, श्वसन, तंत्रिका तंत्र आदि में सुधार लाया जा सकता है। पं. पुखराज शर्मा ने कहा कि हमें संगीत को विषेष दिवस तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए हमें संकल्पबद्ध होकर संगीत के प्रति समर्पण भाव से कार्य करना चाहिए तभी हमारी संगीत साधना पूरी हो सकती है।

इस अवसर पर राजस्थानी लोक गीत एवं भजनो की प्रस्तुतियां दी गई। तथा तबले पर सुप्रसिद्ध तबलावादक नवल श्रीमाली ने संगत की। कार्यक्रम में भक्तिरस एवं वाणी गायन की प्रस्तुतियां दी गई।

कार्यक्रम का संचालन संस्था समन्वयक संजय श्रीमाली ने किया।

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