श्मशानी वैराग्य नहीं, राम रतन धन पाने के जतन कीजिए - गंगेनंदन जी

 

श्मशानी वैराग्य नहीं, राम रतन धन पाने के जतन कीजिए - गंगेनंदन जी
श्मशानी वैराग्य नहीं, राम रतन धन पाने के जतन कीजिए - गंगेनंदन जी

ॐ हरिशरणम परिवार द्वारा तीन दिवसीय आत्म ज्ञान सत्संग समारोह की पूर्णाहुति 


बीकानेर । 30 मई 2025 शुक्रवार 

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई..., पायो जी मैंने राम रतन धन पायो... भजनों और मीरा के पदों पर ॐ हरिशरणम परिवार सहित उपस्थित श्रद्धालु झूम उठे। आत्म ज्ञान सत्संग के तीसरे एवं अंतिम दिन शुक्रवार को शिव मंदिर व्यास कालोनी में हिमालय के परमहंस श्रीगंगेनंदन जी महाराज ने इन भजनों में निहित अध्यात्म की सूक्ष्म व्याख्या करते हुए कहा - श्मशानी वैराग्य नहीं, राम रतन धन पाने के जतन कीजिए। जानिए की कृष्ण के रंग में रंगी मीरा ने आखिरकार रामरतन धन पायो... क्यों गाया । महाराज ने विवेचना की - मीरा बोध-धन, आत्म ज्ञान से समृद्ध होने पर भक्ति का मर्म जान गईं। महाराज ने कहा - सब यहीं छूट जाता है। साथ रहता है रामरतन रूपी धन । यानी बोध। आत्म ज्ञान । मीरा ने ऐसा ही धन पाया। आयोजक परिवार सदस्यों ने सत्संग की पूर्णाहुति पर गंगेनंदन जी महाराज का आभार प्रकट किया । वरिष्ठ सतसंगी सीमा-सुरेश सुखेजा ने बताया कि गंगेनंदन जी महाराज ने बीकानेर में फिर शीघ्र ही सत्संग आयोजन के निवेदन को स्वीकार किया । महाराज संध्या उपरांत यहां से अपनी तपःस्थली हिमालय की ओर प्रस्थान कर गए । 

( फोटो 01 सत्संग में पाठ कार्यक्रम का दृश्य।)

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