*कृषक शिवकरण की मेहनत लाई रंग, खजूर बागीचा स्थापना से आमदनी हुई दुगुनी*
*युवा कृषक बना उद्यमी, खजूर के सकर्स अन्य कृषकों को उपलब्ध करवा बढ़ा रहे खजूर का क्षेत्र*
![]() |
बीकानेर, 5 मई। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के जरिए कृषकों को पूर्ण लाभ देने का प्रयास किया जाए।
इन्हीं प्रयासों व योजनाओं की मदद के जरिए बीकानेर जिले के ग्राम पेमासर के युवा कृषक शिवकरण कूकणा ने खजूर बागीचा स्थापना कर आमदनी दुगुनी की। शिवकरण कुछ वर्ष पूर्व तक परंपरागत कृषि ग्वार, बाजरा, मोठ, मूंगफली, सरसों व चना की खेती करते थे। युवा कृषक शिवकरण कूकणा उद्यानिकी नवाचार के चलते कृषि में कुछ नया अपनाना चाहता थे। उन्होंने कृषि उद्यान विभाग में संपर्क कर, सलाह ली।
कृषि उद्यान विभाग ने पेमासर क्षेत्र में घटते जलस्तर व उपलब्ध पानी की गुणवत्ता विश्लेषण के पश्चात युवा कृषक को खजूर का बगीचा स्थापना की सलाह दी। शिवकरण में उद्यानिकी नवाचार अपनाने की दृढ़ इच्छा शक्ति थी। कृषि उद्यान विभाग के प्रोत्साहन से टिश्यू कल्चर खजूर किस्म बरही, खुनैजी, मेडजूल का बगीचा 10 बीघा क्षेत्र में 400 पौधे के साथ स्थापित किया। साथ ही बूंद बूंद सिंचाई ड्रिप के द्वारा बगीचे में सिंचाई व उर्वरक प्रबंधन विभागीय अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों के देखरेख में सार संभाल की। कृषि अधिकारियों ने समय-समय पर शिवकरण के खजूर बगीचे का भ्रमण करते हुए तकनीकी सलाह दी। परिणामस्वरूप शिवकरण आज प्रति पौधा 60 से 70 किलो खजूर की उपज प्राप्त कर रहा है। उन्हें 50-80 रुपए प्रति किलो बाजार भाव फ्रेश फ्रूट का मिल रहा हैं। बीकानेर के अलावा दिल्ली, पंजाब, गुजरात में भी यह खजूर फल व प्रसंस्करण उत्पाद का विपणन कर रहे है। इससे 'समृद्ध किसान, खुशहाल राजस्थान' की परिकल्पना को युवा किसान शिवकरण ने सिद्ध किया व इनकी आमदनी दुगुनी हुई।
![]() |
कृषक शिवकरण की मेहनत लाई रंग, खजूर बागीचा स्थापना से आमदनी हुई दुगुनी |
शिवकरण ने बताया कि 400 पौधों से उन्हें प्रति वर्ष 18-20 लाख रूपए की अतिरिक्त आमदनी हो जाती है।
उन्होंने बताया कि खजूर बागीचा स्थापना पर शुरुआती वर्षों में कुछ समस्याएं आई, लेकिन कृषि स्नातक होने का उन्हें फायदा हुआ व कृषि उद्यान विभाग के सहयोग से आगे बढ़ते रहे हैं। हालांकि माह जुलाई-अगस्त में वर्षा से खजूर फल को थोड़ा नुकसान होता है। इसके साथ-साथ परागण की समस्या भी खजूर में रहती है, लेकिन इन सबके बावजूद भी कभी युवा कृषक शिवकरण का हौसला नहीं डगमगाया। इसलिए शिवकरण उन्नत कृषि के साथ समन्वित कृषि जैविक खेती, प्राकृतिक खेती, पशुपालन व खजूर बगीचा स्थापना से अच्छा लाभ कमा रहे हैं। शिवकरण ने कहा कि बिना राज्य सरकार, उद्यान विभाग एवं कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग से यह संभव हो पाया है।
उद्यान विभाग के सहायक निदेशक मुकेश गहलोत ने कहा कि युवा किसान शिवकरण की मेहनत अन्य किसानों को प्रेरित करने वाली है। इनकी उन्नत कृषि उद्यानिकी को देखते हुए कृषि विभाग द्वारा शिवकरण कूकणा को जिला स्तरीय सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार के प्रावधान अनुसार उद्यान विभाग द्वारा किसान को खजूर फल बागीचा स्थापना पर 75 प्रतिशत तक अनुदान देय है। किसानों को राज्य सरकार द्वारा देय अनुदान का लाभ लेते हुए क्षेत्र में अधिकाधिक फल बगीचा स्थापना करना चाहिए, इसके लिए व कृषि पर्यवेक्षक व सहायक कृषि अधिकारी से संपर्क कर योजना का लाभ ले सकते हैं।