पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा और इंसानियत की मिसाल : मौलाना क़ासमी
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पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा और इंसानियत की मिसाल : मौलाना क़ासमी |
बीकानेर। जमीअत उलमा-ए-हिन्द, शाखा बीकानेर, पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुई आतंकवादी घटना की कठोरतम शब्दों में निंदा करती है। यह एक कायराना और अमानवीय कृत्य है, जो न केवल देश की सुरक्षा पर हमला है, बल्कि इंसानियत, अमन और शांति के मूल्यों पर भी गहरी चोट है।
जमीअत उलमा-ए-हिन्द शाखा बीकानेर के महासिचव मौलाना मोहम्मद इरशाद क़ासमी ने गुरुवार को प्रेस रिलीज करते हुए बताया कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि धर्म की आड़ लेकर हिंसा को अंजाम देना न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि यह मजहब की मूल शिक्षाओं के भी विरुद्ध है। इस्लाम सहित कोई भी धर्म निर्दोष लोगों की हत्या या भय फैलाने की अनुमति नहीं देता। आतंक का कोई धर्म नहीं होता, और ऐसे कृत्य समाज में नफ़रत फैलाने की कोशिश हैं, जिन्हें किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इस दर्दनाक घटना के बीच जो सबसे उल्लेखनीय बात उभरकर आई, वह है आम कश्मीरियों की मानवीयता और सहानुभूति। हम विशेष रूप से उन स्थानीय निवासियों की सराहना करते हैं जिन्होंने पीड़ितों की सहायता के लिए आगे बढ़कर इंसानियत का फ़र्ज़ निभाया — घायलों को अस्पताल पहुँचाना हो या ज़रूरी सहायता देना, उनकी मदद ने यह साबित कर दिया कि कश्मीर की मिट्टी सिर्फ ख़ूबसूरती की नहीं, बल्कि मोहब्बत और भाईचारे की भी प्रतीक है।
ऐसी घटनाएँ जहां एक ओर हमें दुःख देती हैं, वहीं दूसरी ओर यह भी दिखाती हैं कि नफ़रत का जवाब मोहब्बत से दिया जा सकता है।
जमीअत उलमा-ए-हिन्द, शाखा बीकानेर, इस जज़्बे को सलाम करती है और देश में एकता, सद्भाव और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने का संकल्प लेती है।
हम हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं साथ ही हम घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करते हैं।
जमीअत उलमा-ए-हिन्द, शाखा बीकानेर, देशवासियों से अपील करती है कि वे एकजुट होकर ऐसे कृत्यों के खिलाफ खड़े हों और अपने-अपने स्तर पर समाज में शांति और भाईचारे का पैग़ाम फैलाएं।
[नाम] मौलाना मोहम्मद इरशाद क़ासमी
महासचिव
जमीअत उलमा-ए-हिन्द, शाखा बीकानेर
contact:- 9875257592